नमस्कार दोस्तो आज हम जानेंगे Surya Ashtakam के बारे में, आपको यहां इस स्त्रोत की PDF भी मिल जाएंगी , इस अष्टकम के लाभ और फायदे भी यह बताया गया है। यह नहीं यह पीडीएफ के अलावा आपको सूर्य अष्टकम के lyrics भी दिया गया है। नीचे दिए गए लिंक से आप Surya Ashtakam PDF In Hindi download कर सकते है। इस Stotra का आप को hindi और sanskrit में इसका meaning भी दिया गया है।
Surya Ashtakam In Hindi | सूर्या अष्टकम के बारे में
संसार के एक मात्र प्रत्यक्ष देवता सूर्य देव है, जो संसार में जीवन स्त्रोत है। इनके ही आशीर्वाद से दिन की शुरुआत होती है और इनके ही आशीर्वाद से दिन का समापन होता है। इन्हे खुश करने वाला एक मात्र मंत्र है सूर्य अष्टकम, इसे सूर्य देव को प्रसन्न करने के लिए बोला व जाप किया जाता है। कुंडली दोष, सूर्या महादशा, अंतरदोष, पितृदोष आदि सारे दोषों का निवारक है ये इस के नित्यम प्रतिदिन जाप से आप के अंदर आत्मविश्वास बढ़ता है।
आप के काम काज में कोई भी बाधा नहीं आती है। सूर्या देव आप के घर में सदेव सुख शान्ति बनाए रखते है। कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर हो अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो सूर्याष्टकम् का प्रतिदिन पाठ करने से सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं व्यापारिक क्षेत्र में उन्नति होती है। यश की प्राप्ति होती है सामाजिक सम्मान बढ़ता है। यह सब सूर्याष्टक के फायदे (benefit) है।
सूर्याष्टक का पाठ रोज सुबह सूर्य उदय के बाद किया जाता है। सूर्य देव को जल जल चढ़ाने के बाद, लाल वस्त्र और लाल आसन पर बैठ कर आपको इसका पाठ करना है। इस पाठ को सात बार किया जाता है, इसे धीरे धीरे पड़ना चाहिए जल्दबाजी में इस ना पड़े आराम से पूरा ध्यान लगाके पड़ने पर आप के सामने इसके कई सारे लाभ नजर आएंगे। आप का हर एक दिन शुभ जाता है और सूर्य देव का आशीर्वाद बरसता है।
Surya Ashtakam Lyrics in Hindi | सूर्याष्टक लिरिक्स हिन्दी में
॥ री सूर्य अष्टकम ॥
आदिदेव नमस्तुभ्यं प्रसीद मम भास्कर ।
दिवाकर नमस्तुभ्यं प्रभाकर नमोस्तु ते ॥1॥
अर्थ :- हे आदिकालीन भगवान, आपको नमस्कार है! मुझ पर दया करो। हे प्रभु, पहले आपको नमस्कार जो चमकता हुआ, दिनों का निर्माता और प्रकाशमान है
सप्ताश्वरथमारूढं प्रचण्डं कश्यपात्मजम् ।
श्वेतपद्मधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥2॥
अर्थ :- मैं सूर्य को नमन करता हूँ, जो सात घोड़ों द्वारा खींचे गए रथ पर आरूढ़ है, एक सफेद कमल का फूल पकड़े हुए, कश्यप के अद्भुत पुत्र हैं।
लोहितं रथमारूढं सर्वलोकपितामहम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥3॥
अर्थ :- मैं सूर्य को नमन करता हूं, जो लाल रथ पर चढ़ता है, पूरी दुनिया के बड़े पिता है और महा पापों का निवारण करता है |
त्रैगुण्यं च महाशूरं ब्रह्मविष्णुमहेश्वरम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥4॥
अर्थ :- मैं सूर्य को नमन करता हूं, जो महा पापों का निवारण करता है; जो तीन गुणों से बना है; जो बहादुर है; और ब्रह्मा, विष्णु और महेश्वरा हैं |
बृंहितं तेज:पु़ञ्जं च वायुमाकाशमेव च ।
प्रभुं च सर्वलोकानां तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥5॥
अर्थ :- मैं सूर्य को प्रणाम करता हूं, जो सारे संसार के स्वामी है, जो सर्वव्यापी प्रकाश है, और जो वायु और आकाश है|
बन्धूकपुष्पसंकाशं हारकुण्डलभूषितम् ।
एकचक्रधरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥6॥
अर्थ :- मैं सूर्य को नमन करता हूं, जो एक माला और झुमके से सुशोभित है, जिनके एक हाथ में एक चक्र है, और जो गुड़हल की फूल तरह लाल है
तं सूर्यं जगत्कर्तारं महातेज:प्रदीपनम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥7॥
अर्थ :- मैं सूर्य को नमन करता हूं, जो महा पापों का निवारण करता है, ब्रह्मांड का निर्माता है, जो महान चमक के साथ प्रकाशमान है|
तं सूर्यं जगतां नाथं ज्ञानविज्ञानमोक्षदम् ।
महापापहरं देवं तं सूर्यं प्रणमाम्यहम् ॥8॥
अर्थ :- मैं सूर्य को नमन करता हूं, जो महा पापों का निवारण करता है; सारे संसार का स्वामी है; जो ज्ञान, , विज्ञान और स्वतंत्रता देता है। ॥ 8 ॥
इति श्रीशिवप्रोक्तं सूर्याष्टकं सम्पूर्णम् ।
सूर्याष्टकं पठेन्नित्यं ग्रहपीडा प्रणाशनम् ।
अपुत्रो लभते पुत्रं दारिद्रो धनवान् भवेत् ॥
अर्थ :- इस मंत्र का जप हमेशा सूर्य को करना चाहिए, जिससे ग्रहों के कारण आने वाली बाधाएं नष्ट होती हैं। इस भजन का जाप करने से निःसंतान व्यक्ति को संतान की प्राप्ति होती है और निर्धन व्यक्ति धनवान बनता है।
अमिषं मधुपानं च यः करोति रवेर्दिने ।
सप्तजन्मभवेत् रोगि जन्मजन्म दरिद्रता ॥
स्त्री-तैल-मधु-मांसानि ये त्यजन्ति रवेर्दिने ।
न व्याधि शोक दारिद्र्यं सूर्य लोकं च गच्छति ॥
अर्थ :- वह जो मांस खाता है और सूर्य को समर्पित दिन पर शराब पीता है, वह सात जन्मों तक रोगग्रस्त हो जाता है और हर जीवन में दुखी रहता है |
Surya Ashtakam PDF in Hindi | सूर्य अष्टकम
दी गई लिंक से आप Surya Ashtakam PDF In Hindi Download कर सकते है। यह पीडीएफ Geeta Press के द्वारा ली गई है। इस लिंक पर क्लिक करते ही आप सूर्याष्टक Lyrics के pdf डाउनलोड कर पाएंगे। आप को ऊपर इसके lyrics भी दिए गए है वो भी हिन्दी hindi और sanskrit में अनुवाद दिया है। आशा करते है की आप इस पाठ का फल जरूर प्राप्त करेंगे
Surya Ashtakam Benefit | सूर्य अष्टकम के फायदे व लाभ
- कुंडली दोष, सूर्या महादशा, अंतरदोष, पितृदोष आदि सारे दोषों का निवारक है
- जिनके संतान नहीं है, उन्हें सूर्य पाठ से लाभ मिलता है। अभिभावक-बाल संबंधों में विशेष लाभ के लिए सूर्य का यह पाठ कीया जाना चाहिए।
- आप के काम काज में कोई भी बाधा नहीं आती है। सूर्या देव आप के घर में सदेव सुख शान्ति बनाए रखते है।
- कुंडली में सूर्य ग्रह कमजोर हो अशुभ प्रभाव दे रहा हो तो सूर्याष्टकम् का प्रतिदिन पाठ करने से सभी परेशानियां समाप्त हो जाती हैं।
- इससे नकारत्मकता हमे आसपास भी नही आती और हमारा आत्मविश
- यदि कुंडली में सूर्य हर तरह से मजबूत है, तो व्यक्ति की हर समय समाज में प्रतिष्ठा रहेगी और यश की प्राप्ति होती है,सामाजिक सम्मान बढ़ता है।
- यह कहा गया है कि दुनिया कीटाणुओं, कीटाणुओं का नाश करने वाली है। और प्रकाश, ऊर्जा, गर्मी और जीवन शक्ति का ज्ञान प्रदान करती है।
- इसका स्त्रोत के यह भी कहा गया है की जो भी गरीब निर्धार व्यक्ति इस पाठ के मदत से धनवान बन सकता है।
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