नमस्कार 🙏 दोस्तो, इस पोस्ट में आप को shivashtakam pdf in hindi में download करने के लिए देने वाले है। यहां आप को शिवाष्टकम पीडीएफ के अलावा lyrics भी देने वाले है। वो भी हिन्दी अर्थ सहित अनुवाद किया हुआ है। दोस्तो आप को शिवाष्टकम के बारे में भी बताया गया है की शिवाष्टकम क्या है और इसके पाठ के बारे में भी बताया गया है।
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Shivashtakam Stotram / शिवाष्टकम् स्त्रोत इन हिन्दी
शंकर जी को संहार का देवता कहा जाता है। शंंकर जी सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं। अन्य देवों से माना गया है। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं। त्रिदेवों में भगवान शिव संहार के देवता माने गए हैं। शिव के प्रशंसा में अनेकों अष्टकों की रचना हुई है। शिवाष्टक, लिंगाष्टक, रूद्राष्टक, बिल्वाष्टक जैसे नामों से प्रसिद्ध हैं। जिसमें शिवाष्टक का विशेष महत्व है। शिवाष्टकों की संख्या भी कम नहीं है। भगवान शिव को प्रिय शिवाष्टक आदि गुरू शंकराचार्य द्वारा रचित है।

यह शिवाष्टक आठ पदों में विभाजित है जिसकी स्तुति परंब्रह्म शिव की आराधन का एक उत्तम साधन है। शिव के इस स्तोत्र की महिमा स्वयं शंकराचार्य ने भी कही है। शास्त्रों के अनुसार शिव को प्रिय शिवाष्टकम (shivashtakam pdf in hindi) स्तोत्र का पाठ और श्रवण मनुष्य को हर बुरी परिस्थितियों से शीघ्र ही मुक्ति दिलाता है। सावन के महीने में शिव की इस स्तुति का सस्वर पाठ भाग्यहीन व्यक्ति को भी सौभाग्यशाली बनाता है।इस स्त्रोत का पाठ करने से शिव जी की असीम महिमा हम पर बरसती है।
यह एक चमत्कारीक स्त्रोत है जिसे भोले बाबा तो प्रसन्न होते ही है। साथ ही इस से बागड़े हुए काम भी बन जाते है। इस स्त्रोत के पाठ शिव रात्रि या वसंत पंचमी के दिन आती शुभ मानते है। शिव जी की अगर कोई श्रद्धा पूर्वक भक्ति करता है तो शिव जी बहुत ही जल्दी प्रसन्न हो जाता है। इसी कारण से भोलेबाबा को आशुतोष भी कहां जाता है। वैसे तो भोले बाबा के कई सारे प्रथनाए है और कई सारे स्त्रोत भी है। पर रामचरितमानस के शिवाष्टकम का अपने आप में एक अलग महत्व है।
Shivashtakam PDF In Hindi / शिवाष्टकम स्त्रोत पीडीएफ इन हिंदी
इस पोस्ट में आप को shivashtakam pdf in hindi में दिया जा रहा है, आप दिए गए लिंक के द्वारा इसको download कर सकते है। लिंक पर क्लिक करते ही आप इसकी lyrics pdf को free में download कर पाएंगे।
इस पोस्ट में आप को shivashtakam path के lyrics को भी आप के लिए दिए गया है, शिवाष्टकम के लिरिक्स sanskrit में तो दिए है साथ ही इसके अर्थ सहित अनुवाद भी दिया गया है। नीचे दिए गए shivashtakam lyrics in hindi का पाठ कर सकते है।
Shivashtakam lyrics in Hindi / शिवाष्टकं लिरिक्स इन हिंदी
।। शिवाष्टकम स्त्रोत ।।
।। Shivashtakam lyrics in hindi ।।
प्रभुं प्राणनाथं विभुं विश्वनाथं
जगन्नाथनाथं सदानन्दभाजाम् ।
भवद्भव्यभूतेश्वरं भूतनाथं
शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ।।१।।
मैं शिव, शंकर, शंभु, से प्रार्थना करता हूँ जो हमारे जीवन के भगवान हैं, विभु हैं, दुनिया के भगवान हैं, विष्णु (जगन्नाथ) के , भगवान हैं, जो हमेशा सुख में निवास करते हैं और जो हर चीज को प्रकाश देते हैं। जो जीवों के, भूतों के और सभी के स्वामी हैं।
गले रुण्डमालं तनौ सर्पजालं
महाकाल कालं गणेशादि पालम्
जटाजूट गङ्गोत्तरङ्गै विशालं,
शिवं शङ्करं शम्भु मीशानमीडे ।।२।।
मैं आपसे प्रार्थना करता हूं, शिव, शंकर, शंभु, जिसके गले में खोपड़ी की माला है, जिसके शरीर के चारों ओर सर्पों का जाल है, जो अपार विनाशक काल के संहारक हैं जो गणेश के स्वामी हैं, उनके सिर पर गंगा की लहरों के गिरने से उलझे हुए बाल फैले हुए हैं, और जो सभी के भगवान हैं ।
मुदामाकरं मण्डनं मण्डयन्तं
महामण्डलं भस्मभूषाधरं तम् ।
अनादिं ह्यपारं महा मोहमारं
शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ।।३।।
मैं आपसे प्रार्थना करता हूं, शिव, शंकर, शंभु, जो संसार में, खुशियों को बिखेरते हैं, जो ब्रह्मांड को अलंकृत कर रहे हैं, स्वयं विशाल ब्रह्मांड हैं, जो भस्म को अपने शरीर पर धारण करते हैं, जिनका कोई प्रारम्भ नहीं, जिनका कोई माप नहीं, जो सबसे बड़ी आसक्तियों को दूर करते हैं और जो सभी के भगवान हैं।
वटाधोनिवासं महाट्टाट्टहासं
महापापनाशं सदासुप्रकाशम् ।
गिरीशं गणेशं सुरेशं महेशं
शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ।।४।।
मैं आपसे प्रार्थना करता हूं, शिव, शंकर, शंभु, जो एक वट (बरगद) वृक्ष के नीचे रहते हैं, जिनके मुख मंडल पर प्रसन्नता है, जो सबसे बड़े पापों का नाश करते हैं, जिनके मुख पर तेज है, जो हिमालय के भगवान हैं, विभिन्न गण और अर्ध- देवताओं के भगवान हैं, जो सभी के भगवान हैं।
Shivashtakam PDF in hindi
गिरीन्द्रात्मजा सङ्गृहीतार्धदेहं
गिरौ संस्थितं सर्वदा पन्नगेंहम |
परब्रह्मब्रह्मादिभिर्वन्ध्यमानं
शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ।।५।।
हिमालय की बेटी के साथ अपने शरीर का आधा हिस्सा साझा करने वाले शिव, शंकर, शंभू से मैं प्रार्थना करता हूं, जो एक पर्वत (कैलास) में स्थित है, जो हमेशा उदास लोगों के लिए एक सहारा है, जो अतिमानव है, जो पूजनीय है (या जो श्रद्धा के योग्य हैं) जो ब्रह्मा और अन्य सभी के प्रभु हैं।
कपालं त्रिशूलं कराभ्यां दधानं
पदाम्भोजनम्राय कामं ददानम् ।
बलीवर्दयानं सुराणां प्रधानं
शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ।।६।।
हिमालय की बेटी के साथ अपने शरीर का आधा हिस्सा साझा करने वाले शिव, शंकर, शंभू से मैं प्रार्थना करता हूं, जो एक पर्वत (कैलास) में स्थित है, जो हमेशा उदास लोगों के लिए एक सहारा है, जो अतिमानव है, जो पूजनीय है (या जो श्रद्धा के योग्य हैं) जो ब्रह्मा और अन्य सभी के प्रभु हैं।
शरच्चन्द्रगात्रं गणानन्द पात्रं
त्रिनेत्रं पवित्रं धनेशस्य मित्रम् ।
अपर्णा कलत्रं सदा सच्चरित्रं
शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ।। ७।।
मैं आपसे प्रार्थना करता हूं, शिव, शंकर, शंभू, जिनका चेहरा शीत चंद्रमा जैसा है, जो गण के सुख का विषय है, जिसके तीन नेत्र हैं, जो शुद्ध है, जो कुबेर के मित्र हैं। जिनकी पत्नी अपर्णा (पार्वती) है, जिनकी शाश्वत विशेषताएं हैं, और जो सभी के स्वामी हैं।
हरं सर्पहारं चिता भूविहारं
भवं वेदसारं सदा निर्विकारम् ।
श्मशाने वसन्तं मनोजं दहन्तं
शिवं शङ्करं शम्भुमीशानमीडे ।।८।।
मैं आपसे प्रार्थना करता हूं, शिव, शंकर, शंभु, जो “हर” के रूप में जाने जाते हैं, जिनके पास सर्पों की माला है, जो श्मशान घाटों में घूमते हैं, जो ब्रह्मांड हैं, जो वेद का सारांश हैं (या वेद द्वारा चर्चा की गई ) जो सदा वैराग्य हैं, जो श्मशान घाटों में निवास करते है, जो मन में उत्पन्न कामनाओं को प्रज्वलित करते हैं, और जो सभी के स्वामी हैं।
स्वयं यः प्रभाते नरश्शूल पाणे
पठेत् स्तोत्ररत्नं त्विहप्राप्यरत्नम् ।
सुपुत्रं सुधान्यं सुमित्रं कलत्रं
विचित्रैस्समाराध्य मोक्षं प्रयाति ।।९।।
जो लोग हर सुबह त्रिशूल धारण किए शिव की भक्ति के साथ इस प्रार्थना का जप करते हैं, एक कर्तव्यपरायण पुत्र, धन, मित्र, जीवनसाथी और एक फलदायी जीवन पूरा करने के बाद मोक्ष को प्राप्त करते हैं । शिव शंभो गौरी शंकर आप सभी को उनके प्रेम का आशीर्वाद दें और उनकी देखरेख में आपकी रक्षा करें।
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