नमस्कार 🙏 दोस्तो, इस पोस्ट में आप को Kaal Bhairav Ashtakam PDF in Hindi में download करने के लिए देने वाले है। यहां आप को कालभैरव अष्टकम पीडीएफ के अलावा lyrics भी देने वाले है। वो भी हिन्दी अर्थ सहित अनुवाद किया हुआ है। दोस्तो आप को कालभैरव अष्टकम के बारे में भी बताया गया है की कालभैरव अष्टकम क्या है और इसके पाठ के बारे में भी बताया गया है।
Kaal Bhairav Ashtakam / कालभैरव अष्टकम हिन्दी मे
भगवान शिव के कई रूप और अवतार हैं (भौतिक शरीर के रूप में एक देवता की अभिव्यक्ति)। यद्यपि उनका मूल तपस्वी रूप व्यापक रूप से पूजनीय है, उनके पशुपतिनाथ और विश्वनाथ अवतार भी काफी प्रसिद्ध हैं। लेकिन, भगवान शिव के सबसे भयानक अवतारों में से एक काल भैरव हैं।
आदि शंकराचार्य द्वारा कालभैरव अष्टकम में वर्णित शिव के इस रूप को नग्न, काला, खोपड़ियों की एक माला, तीन आंखों, उनके चार हाथों में विनाश के हथियार,और सांपों के साथ बंधा हुआ दिखाया गया है। इस रूप का चित्रण वैराग्यपूर्ण, शांत और ध्यानपूर्ण रूप के साथ अजीब लग सकता है जिसे कई लोग हर दिन प्रार्थना करते हैं, लेकिन कालभैरव से जुड़ा एक गहरा प्रतीक है।
कालभैरव (Kaal Bhairav Ashtakam Hindi PDF) का वाहन श्वान (कुत्ता) है। यह भगवान शिव का सबसे भयानक चित्रण है कालभैरव मृत्यु/समय के स्वामी हैं। अध्यात्म में ‘मृत्यु’ और ‘समय’ शब्द प्रतीकात्मक हैं। श्वाण दो शब्दों श्वा और न से मिलकर बना है। वैदिक साहित्य में, श्व का अर्थ कल के साथ-साथ काल भी है, और ना का अर्थ नहीं माना जाता है। तो शवना का अर्थ कुछ ऐसा है प्रतीत होता है जो न तो कल है और न ही कल होंगा , कुछ ऐसा जो केवल अभी है, वर्तमान के क्षण में है
Kaal Bhairav Ashtakam Benefits / कालभैरव अष्टकम के लाभ और चमत्कार
कालभैरव अष्टकम के आखरी श्लोक के अनुसार कालभैरव अष्टकम के पाठ से इन नकारात्मक शक्तियों का नाश करता है। (शोक-मोह-दीनता- लोभ-कोप तथा ताप)।भैरव के नाम जप मात्र से मनुष्य को कई रोगों से मुक्ति मिलती है। वे संतान को लंबी उम्र प्रदान करते है। अगर आप भूत-प्रेत बाधा, तांत्रिक क्रियाओं से परेशान है, तो आप शनिवार या मंगलवार कभी भी अपने घर में भैरव पाठ का वाचन कराने से समस्त कष्टों और परेशानियों से मुक्त हो सकते हैं।
जन्मकुंडली में अगर आप मंगल ग्रह के दोषों से परेशान हैं तो भैरव की पूजा करके पत्रिका के दोषों का निवारण आसानी से कर सकते है। राहु केतु के उपायों के लिए भी इनका पूजन करना अच्छा माना जाता है। भैरव की पूजा में काली उड़द और उड़द से बने मिष्ठान्न इमरती, दही बड़े, दूध और मेवा का भोग लगाना लाभकारी है इससे भैरव प्रसन्न होते है।
भैरव की पूजा-अर्चना करने से परिवार में सुख-शांति, समृद्धि के साथ-साथ स्वास्थ्य की रक्षा भी होती है। तंत्र के ये जाने-माने महान देवता काशी के कोतवाल माने जाते हैं। भैरव तंत्रोक्त, बटुक भैरव कवच, काल भैरव स्तोत्र, बटुक भैरव ब्रह्म कवच आदि का नियमित पाठ करने से अपनी अनेक समस्याओं का निदान कर सकते हैं। भैरव कवच से असामायिक मृत्यु से बचा जा सकता है।
Kaal Bhairav Ashtakam PDF In Hindi Download / कालभैरव अष्टकम इन हिन्दी पीडीएफ
इस लिंक से आप Kaalbhairav Ashtakam PDF in hindi को download कर सकते है। इस लिंक को क्लिक करते ही आप इसके lyrics pdf को डाउनलोड कर इसका पाठ कर सकते है।
Kaal Bhairav Ashtakam Lyrics In Hindi / कालभैरव स्तोत्र पाठ अर्थ सहित
इस पोस्ट में आप को कालभैराव अष्टकम के lyrics को भी आप के लिए दिए गया है, कालभैरव अष्टकम के लिरिक्स sanskrit में तो दिए है साथ ही इसके अर्थ सहित अनुवाद भी दिया गया है। नीचे दिए गए Kaal Bhairav Ashtakam lyrics in hindi का पाठ कर सकते है।
।। कालभैरव अष्टकम ।।
।। Kaal Bhairav Ashtakam ।।
ॐ देवराजसेव्यमानपावनाङ्घ्रिपङ्कजं
व्यालयज्ञसूत्रमिन्दुशेखरं कृपाकरम
नारदादियोगिवृन्दवन्दितं दिगंबरं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥ १॥
अर्थ :- जिनके पवित्र चरण-कमल की सेवा देवराज इन्द्र सदा करते रहते हैं, तथा जिन्होंने शिरोभूषण के रूप में चन्द्रमा और सर्प का यज्ञोपवीत धारण किया है। जो दिगम्बर- वेश में हैं एवं नारद आदि योगियों का समूह जिनकी वन्दना करता रहता है, ऐसे काशी नगरीके स्वामी कृपालु कालभैरव की मैं आराधना करता हूँ।
भानुकोटिभास्वरं भवाब्धितारकं परं
नीलकण्ठमीप्सितार्थदायकं त्रिलोचनम ।
कालकालमंबुजाक्षमक्षशूलमक्षरं
काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे॥२॥
अर्थ :- जो करोड़ों सूर्यो के समान दीप्तिमान्, संसार- समुद्र से तारनेवाले, श्रेष्ठ, नीले कण्ठवाले, अभीष्ट वस्तु को देनेवाले, तीन नयनों वाले, काल के भी महाकाल, कमल के समान नेत्रवाले तथा अक्षमाला और त्रिशूल धारण करनेवाले हैं, उन काशी नगरी के स्वामी अविनाशी कालभैरव की मैं आराधना करता हूँ ।
शूलटङ्कपाशदण्डपाणिमादिकारणं
श्यामकायमादिदेवमक्षरं निरामयम ।
भीमविक्रमं प्रभुं विचित्रताण्डवप्रियं
काशिका पुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥३॥
Kaal bhairav Ashtakam Hindi Pdf
अर्थ :- जिनके शरीर की कान्ति श्यामवर्ण की है तथा जिन्होंने अपने हाथों में शूल, टंक, पाश और दण्ड धारण किया है। जो आदिदेव, अविनाशी और आदिकारण हैं, जो त्रिविध तापोंसे रहित हैं और जिनका पराक्रम महान् है | जो सर्वसमर्थ हैं एवं विचित्र ताण्डव जिनको प्रिय है, ऐसे काशी नगरी के अधीश्वर कालभैरव की मैं आराधना करता हूँ ।
भुक्तिमुक्तिदायकं प्रशस्तचारुविग्रहं
भक्तवत्सलं स्थितं समस्तलोकविग्रहम ।
विनिक्वणन्मनोज्ञहेमकिङ्किणीलसत्कटिं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥४॥
अर्थ :- जिनका स्वरूप सुन्दर और प्रशंसनीय है, सारा संसार ही जिनका शरीर है, जिनके कटिप्रदेश में सोने की सुन्दर करधनी रूनझुन करती हुई सुशोभित हो रही है, जो भक्तों के प्रिय एवं स्थिर शिवस्वरूप हैं, ऐसे भुक्ति तथा मुक्ति प्रदान करनेवाले काशी नगरी के अधीश्वर काल भैरव की मैं आराधना करता हूँ ।
धर्मसेतुपालकं त्वधर्ममार्गनाशकं
कर्मपाशमोचकं सुशर्मदायकं विभुम ।
स्वर्णवर्णशेषपाशशोभिताङ्गमण्डलं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥ ५॥
अर्थ :- जो धर्म-सेतु के पालक एवं अधर्म के नाशक हैं तथा कर्मपारा से छुड़ानेवाले, प्रशस्त कल्याण प्रदान करनेवाले और व्यापक हैं; जिनका सारा अंगमंडल स्वर्ण वर्णवाले शेषनाग से सुशोभित है, उसे काशीनगरी के अधीश्वर कालभैरव की मैं आराधना करता हूँ ।
रत्नपादुकाप्रभाभिरामपादयुग्मकं
नित्यमद्वितीयमिष्टदैवतं निरञ्जनम ।
मृत्युदर्पनाशनं कराळदंष्ट्रमोक्षणं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥६॥
अर्थ :- जिनके चरणयुगल रत्नमयी पादुका (खड़ाऊ) की कान्ति से सुशोभित हो रहे हैं, जो निर्मल (मलरहित-स्वच्छ), अविनाशी, अद्वितीय तथा सभी के इष्ट देवता हैं। मृत्यु के अभिमान को नष्ट करनेवाले हैं तथा काल के भयंकर दाँतों से मोक्ष दिलानेवाले हैं, ऐसे काशी नगरी के अधीश्वर काल भैरव की मैं आराधना करता हूँ।
अट्टहासभिन्नपद्मजाण्डकोशसन्ततिं
दृष्टिपातनष्टपापजालमुग्रशासनम ।
अष्टसिद्धिदायकं कपालमालिकन्धरं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥७॥
अर्थ :- जिनके अट्टहास से ब्रह्माण्डों के समूह विदीर्ण हो जाते हैं, जिनकी कृपामयी दृष्टिपात से पापों के समूह विनष्ट हो जाते हैं, जिनका शासन कठोर है, जो आठों प्रकार का सिद्धियाँ प्रदान करनेवाले तथा कपाल की माला धारण करनेवाले हैं, ऐसे काशी नगरी के अधीश्वर काल भैरव की मैं आराधना करता हूँ।
भूतसङ्घनायकं विशालकीर्तिदायकं
काशिवासलोकपुण्यपापशोधकं विभुम ।
नीतिमार्गकोविदं पुरातनं जगत्पतिं
काशिकापुराधिनाथ कालभैरवं भजे ॥८॥
अर्थ :- समस्त प्राणी समुदाय के नायक हैं, जो अपने भक्तों को विशाल कीर्ति प्रदान करनेवाले हैं, जो काशी में निवास करने वाले सभी लोगों के पुण्य तथा पापों का शोधन करने वाले और व्यापक हैं, जो नीतिमार्ग के महान् वेत्ता, पुरातन-से-पुरातन हैं, संसारके स्वामी हैं, ऐसे काशी नगरी के अधीश्वर कालभैरव की मैं आराधना करता हूँ।
कालभैरवाष्टकं पठन्ति ये मनोहरं
ज्ञानमुक्तिसाधनं विचित्रपुण्यवर्धनम ।
शोकमोहदैन्यलोभकोपतापनाशनं
ते प्रयान्ति कालभैरवाङ्घ्रिसन्निधिं ध्रुवम ॥९॥
अर्थ :- ज्ञान और मुक्ति प्राप्त करने के साधन रूप, भक्तों के विचित्र पुण्य के की वृद्धि करनेवाले, शोक-मोह-दीनता- लोभ-कोप तथा ताप को नष्ट करनेवाले इस मनोहर ‘कालभैरवाष्टक’ का जो लोग पाठ करते हैं, वे निश्चित ही काल भैरव चरणों की निधि प्राप्त कर लेते हैं।
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